जम्मू कश्मीर में कभी नहीं लागू हो सकता अनुच्छेद 371, जानिए क्या है कारण
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां पर अनुच्छेद 371 को लागू किए जाने की चर्चा होने लगी थी मगर वहां इसे लागू किया जाना संभव नहीं है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। केंद्र सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद अब भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की तरह ही यहां पर अनुच्छेद 371 को लागू किए जाने की चर्चा जोरों पर थी। सरकार की ओर से जम्मू से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां पर रोजमर्रा का जिंदगी पटरी पर है। मगर इसी के साथ आम लोगों के बीच एक चर्चा ये भी जोरों पर थी कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 371 को लागू कर दिया जाए जिससे कश्मीर के लोगों की सामाजिक सुरक्षा निश्चित हो सकेगी। यह अनुच्छेद उनकी जनजातीय संस्कृति को भी संरक्षण प्रदान करेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को नौकरियों के अवसर मुहैया कराएगा।
किस तरह से 370 से अलग है अनुच्छेद 371?
अनुच्छेद 370?
अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधानों के संदर्भ में था जबकि अनुच्छेद 371 विशेष प्रावधानों के संदर्भ में है, दोनों के बीच काफी अंतर है। भारतीय संविधान के भाग-21 में अनुच्छेद 369 से लेकर अनुच्छेद 392 तक को परिभाषित किया गया है। इस भाग को 'टेम्पररी, ट्रांजिशनल एंड स्पेशल प्रोविजन्स' का नाम दिया गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और पूर्वोत्तर के कई राज्यों के लिए विशेष प्रावधान करने वाले अनुच्छेद 371 का जिक्र है। अनुच्छेद 371 के अलावा अनुच्छेद 371-A से J तक अलग-अलग राज्यों के लिए बनाए गए हैं और उन पर लागू होते हैं।