सिद्धार्थनगर के बीएसए पर 10 लाख रुपये रिश्वत लेने का सनसनीखेज आरोप
एसटीएफ के चंगुल में फंसे स्टेनो हरेंद्र कुमार सिंह ने सिद्धार्थनगर के जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राम सिंह पर 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। एसटीएफ ने जो फर्द बनाई है, उसमें इसका जिक्र भी है। एसटीएफ के मुताबिक देवरिया के राकेश कुमार सिंह ने शिक्षकों को बर्खास्तगी से बचाने के एवज में रिश्वत के तौर पर 15 लाख रुपये दिए थे। इस आरोप को स्टेनो ने स्वीकार किया और कहा कि इसका वितरण बीएसए व हमारे बीच हुआ है।
हालांकि कैंट थाने में दर्ज एफआईआर में एक वरिष्ठ अधिकारी के 10 लाख रुपये रिश्वत लेने का जिक्र है। इस मामले की जानकारी शासन को दी गई है। अनुमति मिली तो बीएसए की गिरफ्तारी भी होगी। इसके उलट, बीएसए राम सिंह ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अब तक 90 शिक्षकों की बर्खास्तगी की जा चुकी है। जांच और आगे की कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं।
सिद्धार्थनगर के बीएसए के स्टेनो सहित पांच लोगों की गिरफ्तारी से हड़कंप मचा है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के अफसर, शिक्षक व कर्मचारी सहमे हैं। एसटीएफ ने जो फर्द बनाई है, उसमें एक-एक करके गड़बड़ी का जिक्र है। स्टेनो हरेंद्र कुमार सिंह से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने कहा है कि सिद्धार्थनगर बीएसए दफ्तर में तैनात बाबू सुशील श्रीवास्तव ने फर्जीवाड़े में स्टेनो की मदद की है। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए बीएसए की गतिविधि पर भी निगाह रखी गई थी। कई मजबूत साक्ष्य भी मिले हैं।
पूरे मामले की जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को दी जा चुकी है। शासन से अनुमति मिलते ही बीएसए को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसी सिलसिले में एसटीएफ के बड़े अफसरों की एक टीम सिद्धार्थनगर आ सकती है। एसटीएफ के मुताबिक टीईटी का फर्जीवाड़ा अश्वनी श्रीवास्तव नामक व्यक्ति के जरिए किया गया है। इस गिरोह की ऊंची पकड़ थी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज में तैनात कोई बाबू मददगार था। फर्जी टीईटी को भी आसानी से सत्यापित करा लिया जाता था।