जब बापू ने एक जर्मनी को हाथ जोड़कर कहा आपका समय पूरा हो गया, जानें ये था पूरा मामला
'भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद बहुत सारे लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे थे। गांधीजी पीड़ितों से मिलने दिल्ली से हरिद्वार जा रहे थे। जब स्कूल के अध्यापकों को पता चलता कि गांधीजी इस राह से गुजरने वाले हैं, तो वे बच्चों को रास्ते में खड़े कर देते, ताकि वे भी उनके दर्शन कर सकें। इसी क्रम में मैं भी कतार में खड़ा हो गया। मैंने पाया कि बस में बैठे गांधीजी ने खिड़की से अपना सिर बाहर निकाला और लोगों से कहा कि देश अब आजाद हो गया है। इस गांधी को भूल जाइए। अब आप सभी लोग गांधी हैं। देश तथा संपूर्ण मानवता की भलाई के लिए आप लोगों को कुछ करना होगा। यह चित्र आज भी मेरे मानस पटल पर अंकित है।'
यह बात कहते हुए महात्मा गांधी को याद करते हैं 'पहला गिरमिटिया' किताब के लेखक गिरिराज किशोर। दोस्तो, वास्तव में महात्मा गांधी के जीवन के संदेशों से प्रेरणा लेकर हम सभी उनकी तरह बन सकते हैं। यहां पर हम उनके जीवन की कई छोटी-बड़ी, सुनी-अनसुनी घटनाएं जानते हैं, जिनसे सीख लेकर हम उसका अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करें, तो देश और संपूर्ण मानवता का भला कर सकते हैं।