फिर बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर, कटान भी जारी

फिर बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर, कटान भी जारी



                             शहर के भोला घाट क्षेत्र में तमसा के पानी से घिरे घर।- फोटो : AZAMGARH


लाटघाट। सगड़ी तहसील के उत्तर में बहने वाली घाघरा धीरे-धीरे विकराल रूप धारण करने लगी है। दो दिनों के घटाव के बाद गुरुवार को पुन: नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। गुरुवार को बरदहुआ नाले पर छह तो डिघिया पर 24 सेमी जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। नदी जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उससे तो यहीं अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो से तीन दिनों में घघरा का जलस्तर लाल निशान पार कर जायेगा।


बरदहुआ नाले पर खतरा बिंदु 71.68 मीटर तो डिघिया पर 70.40 मीटर है। गुरुवार की शाम बदरहुआ पर जलस्तर 71.56 मीटर तो डिघिया पर 70.06 मीटर दर्ज किया गया। बरदहुआ नाले पर जलस्तर में छह सेमी तो डिघिया पर 24 सेमी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही कटान भी जारी है। प्रतिदिन घाघरा काफी मात्रा में खेती योग्य भूमि को नदी की जलधारा में समाहित करते हुए आबादी की तरफ बढ़ रही है। देवरांचल में जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ाव से लोग यह अंदाजा लगा रहे है कि दो से तीन दिनों में घाघरा का जलस्तर खतरा बिंदु को पार कर सकता है। इन दिनों बरसात बंद है लेकिन नेपाल से पानी छोड़े जाने के चलते घाघरा के जलस्तर में एक बार फिर तेजी से बढ़ोततरी शुरू हो गई है।
जोरों पर चल रहा घाघरा का कटान
लाटघाट। घाघरा में पानी बढ़ने से कटान की रफ्तार भी तेज हो गई है। तटवर्ती इलाकों में कटान काफी तेजी से हो रहा है। गांव के आसपास स्थित आबादी की जमीनों के साथ ही खेती योग्य भूमि भी घाघरा की जलधारा में समाहित होती जा रही है। देवाराखास राजा के मुराली का पुरा, लालधर का पुरा, बगहवा, जगधर का पुरा, महाराज जी का पूरा के किसानों की खेती योग्य भूमि जलधारा में समाहित हो चुकी है। जगधर के पुरा निवासी लोरिक का मकान पहले ही कट चुका है अब भोभल पुत्र कल्पू के मकान से मात्र 10 मीटर की दूरी पर कटान हो रही है।


लेखपाल नहीं कर रहे सर्वे, जिससे नहीं मिल रहा मुआवजा
लाटघाट। देवारा खास राजा के मुराली का पुरा, लालघर का पुरा, बगहवा, जगधर पुरा, महाराज जी का पूरा आदि में इन दिनों कटान की रफ्तार तेज है। इसके बाद भी लेखपाल कटे हुए भूमि का सर्वे नहीं कर रहे है। जिसके चलते पीड़ितों को मुआवजा आदि नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सर्वे का काम समय से न होने से मुआवजा मिलने में भी देरी होती है।
मंगई नदी का भी तटीय ग्रामों में घुसा पानी
तरवां। मेंहनगर तहसील क्षेत्र में बहने वाली मंगई नदी में भी उफान आ गया है। तटीय क्षेत्रो में नदी का पानी घुसने लगा है। जिसके चलते किसानों के घान की फसल में पानी जमा होने से फसलों का नुकसान होने की आशंका उत्पन्न हेे गई है। क्षेत्र क देवकली, मौलिया, फिनिहिनी, रामघाट, सुल्तानपुर आदि गांव के ग्रामीण मंगई नदी के जलस्तर मेें हुई बढ़ोत्तरी से प्रभावित है।


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