पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली, यूपीए ने लगाई थी रोक

पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली, यूपीए ने लगाई थी रोक




पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिए जा चुके बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की सिफारिश वाली फाइल अभी तक राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंची है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया है कि सैद्धांतिक तौर पर ये फैसला लिया गया है, लेकिन वह प्रक्रिया अभी चल रही है। तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही ऐसे मामलों की फाइल राष्ट्रपति को भेजी जाती है। मंत्रालय ने यह भी कह दिया है कि फिलहाल इस मामले का कोई भी दस्तावेज राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंचा है।

कांग्रेस ने बोला था हमला


मीडिया में बलवंत राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदले जाने की खबरें आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर हमला बोल दिया था। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, इस फैसले से भाजपा की झूठी देशभक्ति का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अब बेअंत सिंह के कातिलों के साथ है। पंजाब से आतंकवाद को खत्म करने वाले पूर्व सीएम सरदार बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को हत्या कर दी गई थी। जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने बलवंत सिंह राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी। राजोआना को 31 मार्च 2012 को फांसी की सजा दी जानी थी, लेकिन 28 मार्च 2012 को तत्कालीन यूपीए सरकार ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी।

गुरु नानक की 550वीं वर्षगांठ पर रिहा हो सकते हैं कई कैदी


उस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फांसी की सजा के खिलाफ राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी। पिछले दो तीन दिनों से मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थी कि गृह मंत्रालय ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए बलवंत सिंह रजोआना की फांसी की सजा को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद उसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। हालांकि इस मामले में बताया जा रहा है कि गुरु नानक देव की 550वीं वर्षगांठ पर कई कैदियों को रिहा करने की एक फाइल गृह मंत्रालय में चल रही है, जिसमें आठ कैदियों का नाम शामिल हैं।
 

ये सभी कैदी देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं और पंजाब में उग्रवाद के दौरान अलग-अलग अपराधों को अंजाम देने के दोषी हैं। इनमें से एक कैदी बलवंत सिंह राजोआना भी है। दूसरे कैदियों में लाल सिंह, दिलबाग सिंह, हरदीप सिंह, बज सिंह, नंद सिंह, गुरुदीप सिंह खेरा, वारेम सिंह और सुधीर सिंह का नाम शामिल है।

31 अगस्त को हुआ था बम धमाका


पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में सचिवालय के सामने एक बम धमाके में मौत हो गई थी। इस हमले में 16 और लोगों की जान गई थी। हमले को अंजाम देने के लिए पंजाब पुलिस का स्टाफ दिलावर सिंह आत्मघाती हमलावर बन गया था। इसके अलावा आतंकियों ने बब्बर खालसा के एक आतंकी को दूसरे आत्मघाती हमलावर के तौर पर तैयार किया था।

ताकि यदि किसी वजह से पहला आत्मघाती हमला फेल हो जाए तो यह दूसरा शख्स उस हमले को अंजाम दे सके। जुलाई 2007 में बेअंत सिंह हत्या मामले में एक विशेष अदालत ने रजोआना को मौत की सजा सुनाई थी।

 

 




 


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