वीरभद्र और धूमल की तारीफ कर बोले सुशांत- कौन चला रहा जयराम सरकार
पूर्व मुख्यमंत्रियों वीरभद्र सिंह और प्रेमकुमार धूमल का धन्यवाद करते हुए पूर्व सांसद राजन सुशांत ने सवाल उठाया कि जयराम सरकार को कौन लोग चला रहे हैं। पिछली सरकारों ने कभी खेती से उजाड़कर किसानों को नोटिस नहीं भेजे। उन्होंने वन्य प्राणी अधिकारियों पर समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया। कहा कि मुख्यमंत्री जयराम की अफसरशाही में सुनवाई नहीं है।
सीएम पौंग बांध विस्थापितों की खेती चलने देने की बात कर करते हैं तो अधिकारी इसके उलट व्यवहार करते हैं। सुशांत ने चेतावनी दी कि दो दिन में 50 हजार किसानों को अगर बुआई नहीं करने दी तो सरकार की कार्यशैली की शिकायत गृह मंत्री अमित शाह से करेंगे।
सुशांत ने बुधवार को प्रेस क्लब शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि पौंग बांध से विस्थापित ढाई लाख लोगों में से 50 हजार किसानों के आजादी के बाद पहली बार भूखों मरने की नौबत आ गई है। सेंक्चुरी क्षेत्र, वन्य प्राणी अधिनियम, वेटलैंड, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णय की बात करते हुए अधिकारी किसानों के ट्रैक्टर जब्त कर रहे हैं। उन पर मुकदमे बना रहे हैं, जबकि वे पिछली 50 साल से विस्थापन के बाद से बुआई कर रहे हैं।
उन्होंने कोर्ट के फैसलों की प्रतियां दिखाईं और कहा कि इसकी गलत व्याख्याएं कर अदालत की अवमानना की जा रही है। जरूरी हुआ तो इसके खिलाफ हाईकोर्ट भी जाएंगे। गेहूं की बुआई के लिए किसान वैसे भी लेट हो गए हैं। अगर वे बुआई नहीं कर पाए तो उनके भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। वह शीत सत्र में सीएम से बात कर चुके हैं। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल से भी बात की।
सबने आश्वस्त किया कि खेती तो चलती रहनी चाहिए। शीत सत्र के समय सीएम ने दो दिन में समाधान निकालने की बात की, मगर उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है। कहा कि पहले भी वह पौंग बांध विस्थापितों के मुद्दे पर जेल गए हैं। किसानों की लड़ाई से कभी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को अपने विस्थापन पर पानी देने वाले किसानों से नाइंसाफी हो रही है।