मौत पर खत्म हुई वहीदा रहमान और गुरु दत्त की मोहबत्त, आज तक नहीं पता चली मरने की वजह
चौदहवीं का चांद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा कि कसम, लाजवाब हो।
मोहम्मद रफी की आवाज में ये गाना जब भी कानों में पड़ता है तो दिमाग में सीधे खूबसूरत अदाकारा वहीदा रहमान की तस्वीर उभर कर आ जाती है। सच में इस गाने को देखकर यही लगता है इसे सिर्फ और सिर्फ वहीदा रहमान के लिए लिखा गया। 50 और 60 के दशक में उनका नाम हर किसी की जुबान पर था। अदब, अदा और अदाकारी ने मिलकर वहीदा को बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हीरोइन बना दिया। 3 फरवरी 1938 को उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ था।